देहरादून, 10 सितम्बर
गुजरात के अमदाबाद स्थित साइंस सिटी में शनिवार से आयोजित दो दिवसीय सेंटर स्टेट साइंस कॉन्क्लेव में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री की प्रतिनिधि के रूप में पहुंची महिला सशक्तिकरण, बाल विकास, खाद्य आपूर्ति, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने लीडरशिप सत्र को सम्बोधित किया। उन्होनें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केदारनाथ से किये गए उद्घोष 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, का जिक्र किया।
श्रीमती आर्या ने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के माध्यम से स्थानीय गवर्नेस में गुणात्मक सुधार लाते हुए आत्मनिर्भर उत्तराखंड के सपने को साकार करने के लिये हम प्रयासरत है। इस क्रम में राज्य कैबिनेट सहित विभिन्न स्तरों पर विचार मंथन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया की उत्तराखंड शासन के प्रायः सभी मंत्रालयों में नई तकनीक का प्रयोग प्रारम्भ हुआ है।
कैबिनेट मंत्री ने उत्तराखंड में हिमालयी क्षेत्र की आपदाओं से निपटने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से एक अत्याधुनिक आपदा अध्ययन एवं प्रबंधन संस्थान की स्थापना करने का अनुरोध किया। साथ ही सीमान्त राज्य होने के कारण प्रदेश में साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक उच्च श्रेणी के साइबर सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए भी सहयोग का अनुरोध किया।
श्रीमती आर्या ने महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए टेली मेडिसीन जैसी तकनीक और जीविकोपार्जन के लिए प्राकृ तिक संसाधनों एवं कृषि एवं बागवानी आधारित कार्यों में आधुनिक तकनीक के प्रयोग के लिए केन्द्रीय संस्थानों की सक्रिय भागेदारी पर जोर दिया। उन्होने उत्तराखंड में सेमीकंडकटर आधारित उद्योगों की स्थापना के सम्बन्ध में भी अपनी बात जोरदार ढंग से रखते हुए केंद्र सरकार से सहयोग की अपील की।

उत्तराखण्ड सरकार के प्रतिनिधि की हैसियत से श्रीमती आर्या ने प्रदेश में कूड़े के निस्तारण के लिए भारतीय पेट्रोलियम, आई०आई०टी० रुड़की जैसे राष्ट्रीय संस्थानों से तकनीकी रूप से उन्नत समाधान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। उन्होने इस बात का भी जिक्र किया कि किस तरह उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) के माध्यम से भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय से मार्गदर्शन लेकर उत्तराखंड सरकार, जिला स्तर पर प्रशासन एवं गवर्नेस से सम्बंधित चुनौतियों का विज्ञान तकनीक और नवाचारी विधियों से त्वरित और प्रभावी रूप से समाधान करने की दिशा में गंभीर रूप से प्रयत्न कर रही है।
इससे पूर्व, कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल रूप से किया।