आप पार्टी दिल्ली से पंजाब और अब गुजरात तक अपना राजनीतिक पैर जमाना चाहती है। खासकर जब से आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मानने अहमदाबाद 6 महिने पहले रोड शो करके मध्य गुजरात से 182 विधानसभा चुनाव लड़ने की तरफ चुनावी एलान कीया था, तक्षी से आप पार्टी गुजरात पर प्रभाव छोड़ रही है। क्योंकी 27 साल से दो बडी पार्टी कोंग्रेस और बीजेपी के बीच ही चुनावी जंग रहती थी। अरविंद केजरीवाल द्वारा एक के बाद एक दी गई गुजरात में गारंटी पर लोगो में रेवडी के नाम पे भी बहस छिड़ गई है।
2022 का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं। इसी तरह आम आदमी पार्टी गारंटी कार्ड के तौर पर एक के बाद एक पत्ते फैला रही है। इसके अलावा डोर टू डोर कैंपेन भी शुरू हो गया है। इसके अलावा कुछ जगहों पर रजिस्ट्रेशन के बाद गारंटी कार्ड दिए जा रहे हैं। लोगों गारंटी कार्ड में किए गए वादों को याद रख रहे है क्योंकि, अब तक भाजपा और आप पार्टी ने वादों की लगातार बौछार की है जबकि कुछ वादे सही साबित नहीं हुए हैं। इस बार आम आदमी पार्टी ने गुजरात की राजनीति में तीसरा अध्याय जोड़ा है। अरविंद केजरीवाल का सीधा फोकस गुजरात चुनाव पर है।
खासकर जब आम आदमी पार्टी अपना प्रभाव छोड रही है। आम आदमी पार्टी ने इस बार जो मुद्दे उठाए हैं जो गारन्टी दी है, ईस से सरकारी बडे बाबुओ और अन्य पार्टीओ की रातों की नींद हराम कर दी है। अब तक आप ने जो भी गारंटी दी है उसमे राज्य के हरेक क्षेत्र के नागरिकों को स्पर्श करनेवाली गारंटी है । इसमें मुफ्त बिजली, युवाओं को नौकरी, 18 साल से कम उम्र की बहनों के खाते में 1000 रुपये जमा करने की गारंटी के अलावा सरपंचों से लेकर पुलिसकर्मियों और रिक्शा चालकों से लेकर वकीलों और हर क्षेत्र में काम करने वाले व्यापारी से लेके अन्य कर्मचारियों की अन्य मांगें भी हैं।
आप पार्टीने युवाओं को यह भी बताया है कि कब और किस महीने में वे सरकारी नौकरी देंगे, जब आप पार्टी सुप्रीमो केजरीवाल द्वारा एक के बाद एक दी गई गारंटियों को देखेंगे तो गुजरात में भी पंजाब की तरह कुछ भी हो सकता है। थर्ड पार्टी आप णभी है लेकीन यह पार्टी भी दूसरी पार्टी हो सकती है। आम आदमी पार्टी गुजरात में कितनी सीटें जीतेगी या कितनी हारेगी, वो वक्त ही बतायेगा लेकिन अभी चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की चर्चा लोगो के बीच जरूर हो रही है। अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान कल से फिर गुजरात आ रहे हैं। फिर हर कोई देख रहा है कि वे दोबारा क्या गारंटी देंगे। खास तौर पे शहरी सीटों को लेकर भी बीजेपी पर असर पड़ सकता है। जिस की चिंता बीजेपी को भी है और आनेवाले दीनो में आप विपक्ष की भी जगह ले सकती है।