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भले ही आप मेरा सिर काट लें, लेकिन…: महंगाई भत्ते पर ममता बनर्जी का बड़ा बयान

ममता बनर्जी
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महंगाई भत्ते को लेकर पिछले कुछ दिनों से बंगाल में धरना-प्रदर्शन हो रहा है। राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अतिरिक्त डीए की मांग की है। अब सीएम ममता बनर्जी ने इस पर सरकार का रुख स्पष्ट किया है।पश्चिम बंगाल में, विपक्षी भाजपा, कांग्रेस और वाम दल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ता या डीए की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महंगाई भत्ते के मुद्दे पर विपक्ष समर्थित प्रदर्शनों पर निशाना साधा है।

वहीं उन्होंने कहा है कि राज्य के पास अपने कर्मचारियों को अधिक वेतन देने के लिए फंड नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ये और मांगते रहते है, और कितना दूं?

विरोध करने पर रोष व्यक्त किया

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ममता बनर्जी ने विरोध प्रदर्शनों पर गुस्सा जताया है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार के लिए और अधिक डीए देना संभव नहीं है। हमारे पास पैसे नहीं हैं। हमने 3 प्रतिशत अधिक डीए दिया है। यदि आप इससे खुश नहीं हैं, तो आप मेरा सिर काट सकते हैं। और कितना डीए तुम्हें चाहिए?”

कहां से शुरू हुआ पूरा मामला?

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राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने 15 फरवरी को विधानसभा में 2023-23 का बजट पेश किया। उस वक्त उन्होंने ऐलान किया था कि सरकार मार्च से शिक्षकों और पेंशनभोगियों समेत अपने कर्मचारियों को 3 फीसदी ज्यादा डीए देगी।

बता दें कि अब तक राज्य मूल वेतन का 3 प्रतिशत डीए के रूप में दे रहा था और बजट घोषणा का मतलब था कि सरकार मार्च से शिक्षकों और पेंशनभोगियों सहित अपने कर्मचारियों को 3 प्रतिशत अधिक डीए देगी।

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ममता बनर्जी ने किया प्रहार

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भाषण में लेफ्ट और बीजेपी पर निशाना साधा है। दोनों पार्टियां राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर करने की डीए की मांग का समर्थन कर रही हैं।

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ममता बनर्जी ने पूछा, “केंद्र सरकार और राज्य सरकार का वेतन अलग-अलग है। आज भाजपा, कांग्रेस और सीपीएम एक साथ आ गए हैं। कौन सी सरकार वेतन के साथ इतनी छुट्टियां देती है?”

केंद्र सरकार से तुलना क्यों?

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बंगाल की मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैंने सरकारी कर्मचारियों को 1.79 लाख करोड़ का डीए दिया है। हम 40 दिन का वैतनिक अवकाश देते हैं। आप केंद्र सरकार से तुलना क्यों करते हैं? हम मुफ्त चावल देते है। मगर रसोई गैस की कीमत मालूम है? वह चुनाव से ठीक एक दिन पहले कीमत बढ़ा दी गई थी। इन लोगों को संतुष्ट होने के लिए और क्या चाहिए?”

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