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शांति का कोई मार्ग नही होता, बल्कि शांति ख़ुद ही एक मार्ग : महंत रविंद्र पुरी महाराज

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हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज का कहना हैं की शांति की शुरुआत मुस्कराहट के साथ होती है, सुख प्राप्ति का सबसे अच्छा मार्ग मन की शांति है. मन की शांति आपके अंतःकरण से ही शुरू होती है और मन पर ही ख़त्म होती है, अगर आपकी जिंदगी में शांति है तो आप संसार के सबसे सुखी व्यक्ति हैं। जीवन के प्रति सकारात्मकता और मन की शांति का आपस में गहरा संबंध है, एक सकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति बड़ी से बड़ी मुसीबतों को भी आसानी से पार कर जाता है, अगर आपको मन को शांति रखने की कला आती है वो सच्चे अर्थों में आप बहुत ही ज्ञानी इन्सान है,और आप हमेशा खुश रहेंगे, नकारात्मकता आपके पास कभी नही फटकेगी, अगर आप सकारात्मक सोच और अपने दिमाग को शांत रखना सीख जाते है तो आप सही मायने में अपने जीवन में खुश रहना सीख सकते हैं। अगर आप सोचते हैं कि आप हर समय परेशान नहीं रहें तो आपको खुद को शांत रखने की कला सीखनी होगी, एक शांत और प्रसन्न चित्त मष्तिष्क बड़ी से बड़ी समस्या को भी आसानी से हल कर लेता है, शांत दिमाग के द्वारा ही हम सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं, इसलिए मन की शांति के महत्व को समझना बहुत जरूरी है। मन की शांति क्यों जरूरी है ?जिंदगी की महत्वपूर्ण दौलतों में से एक है मन की शांति। इस दौलत के बिना आप अमीर नहीं कहला सकते क्योंकि ऐसी अमीरी किस काम की जहाँ उसे पाकर भी ख़ुशी नहीं हो, शांति एक ऐसी चीज है जो किसी भी उपलब्धि पर मन को सुकून देती है। अशांत मन हमेशा कुछ न कुछ उधेड़बुन में ही लगा रहता है और जिंदगी के सुख-ऐश्वर्य को भोगने के आत्मिक सुख से वंचित रहता है। सुख को महसूस करने के लिए मन में शांति भी तो जरूरी है। अगर आप एक सच्चे दौलतमंद इंसान बनना चाहते हैं तो मन की शांति बनाये रखने के बारे में भी सोचिये। इस बात का प्रयास कीजिये कि आप कैसे खुद को अक्सर सकारात्मक रख सकते हैं। मन की शान्ति सफलता पाने के लिए भी ज़रूरी है और सफलता से सुख पाने के लिए भी।

कडवाहट को भुलाइये, माफ़ करिए और मधुरता को अपनाइए, बहुत से लोगों की आदत होती है कि वो पुरानी बातों को सालों साल तक याद रखते हैं और उन पर सोचते रहते हैं. कसी ने कुछ कडवी बात कह दी तो उसे लम्बे समय तक दिमाग में रखना और उस पर सोचते ही रहना मन की शांति को बिगड़ने के लिए पर्याप्त है. इसलिए कडवी बातों को अधिक समय तक मन में न रखें. इसके बजाय आप कुछ अच्छी और मधुर स्मृतियों के बारे में सोच सकते हैं जो आप के मन को अच्छी लगें। जीवन में शांति से जीने के लिए दो ही तरीकें है माफ़ कर दो उन्हें जिन्हें तुम भूल नहीँ सकते भूल जाओ उनकों जिन्हें तुम माफ़ नहीँ कर सकतें।

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और यहाँ माफ़ करने का अर्थ सिर्फ दूसरों को नहीं खुद की गलतियों को भी माफ़ करना है। जप तप ध्यान योग और आध्यात्म ही सही मायने में आपको मन की शांति की तरफ ले जाता है, अतः आपको हमेशा अध्यात्म के मार्ग का ही अनुसरण करना चाहिए।

 

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