Pahaad Connection
Breaking News
Breaking Newsउत्तराखंड

आधुनिक चिकित्सा पद्धति को चुनौती दे रही डॉ. निशि भट्ट की यूनिक माइंड प्रोग्रामिंग टेक्निक

Advertisement

देहरादून।  नाड़ी योगा केंद्र पर डॉक्टर निशि भट्ट द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस वार्ता में डॉक्टर निशि भट्ट ने वेस्ट सिंड्रोम से ग्रसित बच्चों के अपनी यूनिक माइंड प्रोग्रामिंग पद्धति से सफल इलाज के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि वेस्ट सिंड्रोम से ग्रसित बच्चे अपने जन्म से ही माता-पिता के ऊपर एक चुनौती बन जाते हैं और ऐसे बच्चों को अगर सही इलाज न मिल पाया तो वह  ज्यादा से ज्यादा 5- 7 वर्षों तक जीवित रहते हैं। वेस्ट सिंड्रोम एक ऐसा सिंड्रोम है जो  बच्चों में जन्म के समय से ही शुरू हो जाता है, इसके लक्षण बच्चों में शरीर और दिमाग की सक्रियता को कम करता है जिसमें बच्चों में अपने सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है। हाथ पैर को हिलाना बंद कर देते हैं, बच्चों में उठने बैठने की शक्ति छीन हो जाती है, कई बार बच्चे इतने सुस्त दिखाई पड़ते हैं जिसमें वह अपने गरदन को इधर-उधर हिला भी नहीं सकते, आंखों का विजन खत्म हो जाता है और बच्चे किस तरफ देख रहे हैं यह भी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं। अपने बच्चों के इलाज के लिए महाराष्ट्र से देहरादून पहुंचे 18 महीने के अद्विक के माता-पिता बताते हैं कि वे अपने  बेटे के इलाज के लिए सभी बड़े अस्पतालों में जा चुके हैं परंतु डॉक्टरों द्वारा कोई भी ऐसा आश्वासन नहीं मिल पा रहा था  जिससे मैं यह कह सकूं कि मेरा बेटा ठीक से कुछ कर पाएगा। सभी बड़े-बड़े डॉक्टर ने एक तरफ से मना कर दिया था तभी मैं डॉक्टर निशि के बारे में पता कर महाराष्ट्र से देहरादून पहुंची और  यहां पर मुझे महज 3 महीने के डॉक्टर निशि के माइंड प्रोग्रामिंग सेशन में अपने बच्चों के अंदर 80% के करीब सुधार दिख रहा है. एमआरआई और ईईजी में भी बहुत बदलाव आए हैं। शरीर और संज्ञानात्मक विकास भी बहुत देखा है, अब मेरा बेटा अपने हाथ पैर का मूवमेंट अच्छे से कर लेता है और बैठ भी सकता है और क्रालिंग भी कर लेता है। हमें इससे पहले प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पर इस तरह से भरोसा नहीं था जो डॉक्टर निशि भट्ट जी ने हमें दिलाया है। डॉक्टर निशि भट्ट बताती है कि कई बार ऐसा देखा गया है की माता-पिता को भी अपने बच्चों के बीमारी के बारे में जानकारी नहीं होती है जिससे वह यह समझ ही नहीं पाते कि आखिर उनके बच्चों के साथ हो क्या रहा है! हमारे प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में हर तरह के इलाज के लिए कोई ना कोई उपाय जरूर दिया गया है अगर हम उस पद्धति पर विश्वास करें और कुछ दिए गए शर्तों को नियमित रूप से पालन करें तो हर बीमारी का इलाज प्राकृतिक पद्धति से त्वरित रूप से किया जा सकता है। वे बताते हैं कि मैं लंदन, कनाडा, बाली और चीन जैसे देशों मे 15 से ज्यादा चिकित्सा पद्धति सीख चुकी हूं और हजारों बच्चों को अभी तक अपनी यह चिकित्सा की यूनिक पद्धतियों से ठीक कर चुकी हूं।

 

Advertisement

 

 

Advertisement
Advertisement

Related posts

मेडिकल केमिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने की एसएसपी से मुलाकात

pahaadconnection

प्रदेश में ध्वस्त हो गयी कानून व्यवस्था

pahaadconnection

पत्रकारों से वार्ता करते पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार।

pahaadconnection

Leave a Comment