संजय राउत ने अपने नासिक दौरे के दौरान कहा कि कुछ दिन पहले सुनील बागुल के साथ एक अजनबी मेरे पास आया और मेरे सामने कीर्तन करने लगा। उसने कहा कि आप मंदिर देखने जरूर आएं। मैंने बिना सोचे समझे कहा कि चिंता मत करो मैं जरूर आऊंगा। उसके बाद बबन महाराज ने आमंत्रित किया। जब मैं इस स्थान पर आया तो मुझे लगा कि मैं किसी पवित्र मंदिर में आ गया हूं। संजय राउत ने कहा कि मुझ पर, हमारी पार्टी और महाराष्ट्र पर जो संकट आया है, उससे उबरने की ऊर्जा और प्रेरणा इसी आस्था के स्थान में निहित है.
‘उद्धव ठाकरे को भी यहां पर बुलाया लेना चाहिए’
संजय राउत ने कहा कि मंच पर बैठे कई लोग बाबा के भक्त हैं। मन करता है कि कभी-कभी प्रेरणा के लिए यहां आऊं। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को यहां बुला लेना चाहिए। लेकिन जब संकट खत्म होगा तो हम सब यहां आएंगे, हमें गुवाहाटी जाने की जरूरत नहीं है। हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं, हम में से प्रत्येक ने इस तीर्थयात्रा का अनुभव किया है। उन्होंने शिवसैनिकों से अपील करते हुए कहा कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को बचाने का काम हम सब को करना है।
ठाकरे गुट के शिवसैनिकों से डटे रहने की अपील
वर्तमान राजनीति पर उन्होंने कहा कि हमारे महाराष्ट्र में 350 साल पहले औरंगजेब, अफजल खान, निजामशाही, शाइस्ता खान का संकट था। यह संकट भी दिल्ली से आया था। उस समय हम सभी छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जाति-पाति के बंधनों को तोड़कर लड़े थे, क्योंकि हम मराठी हैं, हम महाराष्ट्र के हैं। आज इतने सालों बाद हमारे महाराष्ट्र पर वही संकट आ रहा है। संजय राउत ने ठाकरे गुट के शिवसैनिकों से डटे रहने और महाराज का आशीर्वाद लेने की अपील की।